संस्कृत ग्राम के बारे में
सांस्कृतिक ग्राम की परिकल्पना नालंदा की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने एवं संरक्षित करने के लिए की गई है। सांस्कृतिक ग्राम कला, शिल्प कला एवं संस्कृति के माध्यम से सामुदायिक संस्थाओं को सहारा देगा एवं पर्यटन के माध्यम से ठोस जीविका प्रदान करेगा।
सांस्कृतिक ग्राम प्राचीन नालंदा महाविहार के भग्नावशेष से एक किलोमीटर की दूरी पर और श्वेनत्सांग स्मृति भवन के बगल में अवस्थित है। सांस्कृतिक ग्राम श्वेन सांग स्मृति भवन के पास 50 एकड़ में फैला हुआ है। नालंदा की कला शिल्पकला और संस्कृति के भरण-पोषण एवं बढ़ावा देने के लिए अत्यंत सजगतापूर्वक इसे बनाया गया है। प्रथम चरण का निर्माण कार्य जिसके अंतर्गत कलाकारों का ठहराव स्थल एवं कार्यशाला, मुक्ताकाश रंगमंच, अतिथि गृह आदि है, लगभग पूरे हो चुके हैं। द्वितीय चरण का निर्माण कार्य जिसमें ध्यान-कक्ष, प्रदर्शनी-कक्ष और प्रेक्षा-गृह आदि हैं, जल्द शुरू होगा।
यह केन्द्र न केवल कला, शिल्प कला और संस्कृति पर आधारित काय्रक्रमों को आयोजित करेगा बल्कि विरासत की व्याख्याओं पर आधारित पर्यटक उत्पादों को भी प्रोत्साहित करेगा। कुल मिलाकर यह पर्यटक सूचना केन्द्र के रूप में काम करेगा जिससे पर्यटन की समृद्धि में विशेष सहायता मिलेगी।